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सरकार चाह रही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती, अफसरों ने अटकाए रोड़े, 5 साल से अटकी है नियुक्तियां - लैब टेक्निशियन, नर्स ग्रेड सेकिंड, MPW और LDC को लगाया FSO के पद पर, हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन

सरकार चाह रही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती, अफसरों ने अटकाए रोड़े, 5 साल से अटकी है नियुक्तियां

 

जयपुर। राज्य सरकार फूड सेफ्टी ऑफिसर की नियमित भर्ती करना चाहती है। पूर्ववर्ती सरकार ने दो बार वैकेंसी निकाली। वर्ष 2019 में 98 पदों पर और वर्ष 2022 में 200 पदों पर। दोनों ही भर्तियों को डेपुटेशन पर लगे अफसरों ने कोर्ट में अटका दिया। दोनों ही भर्तियों में सफल अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए 13 साल पहले राजस्थान में फूड सेफ्टी एक्ट लागू हो गया लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती अभी तक नहीं हुई है। अलग अलग पदों के कर्मचारियों को फूड सेफ्टी ऑफिसर के पदों पर बतौर डेपुटेशन नियुक्तियां दी हुई है। 2019 और 2022 में हुई भर्ती के सफल अभ्यर्थी अभी तक नियुक्ति का इंतजार कर रहे है।

 

डेपुटेशन पर लगे कर्मचारी नहीं होने दे रहे भर्ती

 

राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून बन गया लेकिन मिलावट रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती पिछले 13 साल में नहीं हुई है। नर्सिंग ऑफिसर, लैब टेक्निशियन, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, तकनीकी सहायक और जूनियर अकाउंटेंट को डेपुटेशन पर नियुक्ति देकर सेवाएं ली जा रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर यही फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, जूनियर अकाउंटेंट, लैब टेक्निशियन, तकनीकी सहायक और नर्सिंग ऑफिसर खाद्य सुरक्षा अधिकारी बनकर मिलावटी पदार्थों की जांच कर रहे हैं। मौजूदा सरकार ने डेपुटेशन पर लगे सभी कर्मचारियों को मूल पद पर जाने के आदेश जारी कर दिए लेकिन इन कर्मचारियों को मूल पदों पर नियुक्ति नहीं किया गया।

 

हाईकोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन

 

खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर अलग अलग कर्मचारी पिछले कई वर्षों से डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। यही कर्मचारी स्वयं को नियमित करने की मांग भी करते आ रहे हैं। वर्ष 2016 में रोशन लाल गुर्जर बनाम राजस्थान सरकार के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल 2016 को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि लैब टेक्निशियन, नर्स ग्रेड सेकिंड, ऑप्थैल्मिक असिस्टेंट, एमपीडब्ल्यू और एलडीसी को खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर नहीं लगाया जा सकता। इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया कि हम कोर्ट के आदेशों की पालना करेंगे। इसके बावजूद भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर डेपुटेशन पर लगे कर्मचारी वर्षों से पदस्थापित हैं।

 

एक के बाद एक 6 याचिकाएं लगाई हाईकोर्ट में

 

खाद्य सुरक्षा अधिकारी भर्ती 2022 का अंतिम परिणाम दस्तावेज सत्यापन के बाद 10 जून 2024 को आरपीएससी ने जारी कर दिया था। सफल अभ्यर्थियों की सूची 20 जून 2024 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दी गई। इस भर्ती को रोकने के लिए डेपुटेशन पर लगे अलग अलग कर्मचारियों ने एक के बाद एक कुल छह याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की। डेपुटेशन पर लगे कर्मचारियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाने पर विभाग के उच्च अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। अफसरों की चुप्पी से समझा जा सकता है कि इस मामले में उनकी मौन स्वीकृति है, वरना कोई कर्मचारी राज्य सरकार की पूरी भर्ती को क्यों रोकना चाहेगा जब तक उसका व्यक्तिगत हित प्रभावित ना हो रहा हो। हैरानी की बात यह भी है कि आरपीएससी की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सफल अभ्यर्थियों की अभ्यर्थना भेजने के बाद यानी 20 जून 2024 के बाद दो कर्मचारियों ने दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल कर दी। सुनवाई के चलते सफल अभ्यर्थियों की नियुक्तियां अटकी हुई है।

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