पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद की नाराजगी से मचा था बीजेपी में बवाल, क्या राजवी के सामने झुक गया पार्टी नेतृत्व - नरपत सिंह रावजी को चित्तौड़गढ से टिकट देकर किया राजी, वहां से 2 बार विधायक रह चुके हैं राजवी
जयपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची में भाजपा ने पूर्व राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया था। राजवी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। वर्तमान में भी वे विद्याधर नगर सीट से मौजूदा विधायक हैं। बीते दिनों पार्टी ने उनका टिकट काटते हुए उनकी सीट से लोकसभा सांसद दीया कुमारी को चुनाव मैदान में उतार दिया। दीया कुमारी को टिकट देने से राजवी पार्टी से बेहद नाराज हुए। उन्होंने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में पार्टी के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि मुगलों के सामने घुटने टेकने वालों को टिकट क्यों दिया। यह उनकी समझ से परे है।
राजवी की नाराजगी से मचा था बवाल, प्रदेश प्रभारी पहुंचे मनाने
पहली लिस्ट में टिकट काटने पर नरपत सिंह राजवी ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति गहरी नाराजगी प्रकट की थी। राजवी की नाराजगी से पार्टी में बवाल मच गया था क्योंकि राजवी ने दीया कुमारी के राजघराने पर सवाल उठाये थे। साथ ही यह भी कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने पार्टी के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। उनकी विरासत संभालने वाले से पूछा भी नहीं और टिकट किसी और को दे दिया। राजवी ने कहा कि उन्होंने प्रदेश महामंत्री से मिलने की कई बार कोशिश की लेकिन चार पांच महीने तक प्रदेश महामंत्री ने मिलने का वक्त नहीं दिया। राजवी ने पूछा कि पता नहीं वे इतना कहां व्यस्त रहते हैं। राजवी की नाराजगी मीडिया की सुर्खियां बनी और अगले ही दिन प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह राजवी से मिलने उनके घर पहुंचे। करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं में बातचीत हुई थी।
राजवी को क्यों दिया चित्तौड़गढ़ से टिकट
नरपत सिंह राजवी बीकानेर के रहने वाले हैं। वे भैरोसिंह शेखावत के दामाद हैं। वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में भैरोसिंह शेखावत ही राजवी को चित्तौड़गढ़ लेकर गए थे। उन्हें वहां से चुनाव लड़ने का अवसर दिया। चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से राजवी दो बार विधायक बने। पहली बार वर्ष 1993 में और दूसरी बार वर्ष 2003 में वे चित्तौड़गढ़ से विधायक बने। 1998 के विधानसभा चुनाव में राजवी चुनाव हार गए थे। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले परिसीमन हुआ और विद्याधर नगर सीट का गठन हुआ। विद्याधर नगर सीट के गठन के बाद राजवी लगातार तीन बार यहीं से विधायक बने।
Comment / Reply From
You May Also Like
Recommended posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!