कांग्रेस के दो दर्जन नेताओं पर लटकी टिकट कटने की तलवार - पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक सहित कई नेताओं की टेंशन बढी
जयपुर। आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस में पुराना फार्मूला लागू रहेगा। यानी लगातार दो बार चुनाव हारने वालों को पार्टी टिकट नहीं देगी। इस फार्मूले ने कांग्रेस के कई नेताओं की चिंताएं बढा दी है। अगर यह फार्मूला लागू रहा तो पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों सहित दो दर्जन से ज्यादा नेताओं के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। इस बार कांग्रेस सरकार को रिपीट करने का पूरा प्रयास कर रही है। जिताऊ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए सर्वे भी कराया गया ताकि उन्हें मैदान में उतारकर पार्टी की नैया पार लगाई जा सके।
इन नेताओं पर गिर सकती है गाज
लगातार दो बार चुनाव हारने वालों के टिकट अगर काटे गए तो दो दर्जन से ज्यादा नेताओं पर तलवार लटक जाएगी। कई पूर्व मंत्री और विधायक भी टिकट पाने से वंचित रह सकते हैं। अगर ऐसा हुआ को उन नेताओं के बागी होकर निर्दलीय ताल ठोकने का अंदेशा है। इसमें कांग्रेस को नुकसान होना तय है। दो बार चुनाव हारने वालों में जयपुर के मालवीय नगर से डॉ. अर्चना शर्मा, लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल, श्रीडूंगरगढ़ से मंगलाराम गोदारा, पुष्कर से नसीम अख्तर, जैतारण से दिलीप चौधरी, मनोहर थाना से कैलाश मीणा, डीग से मदनलाल वर्मा, सलूंबर से रघुवीर मीणा, गोगुंदा से मांगीलाल गरासिया, रानीवाड़ा से रतन देवासी, चौमूं से भगवान सहाय सैनी, कुंभलगढ़ से गणेश परमार, शाहपुरा (भीलवाड़ा) से महावीर मोची, आहोर से सेवाराम पटेल, घाटोल से नानालाल निनामा, मकराना से जाकिर हुसैन सावत, गढ़ी से कांता भील, नागौर और खींवसर से हरेंद्र मिर्धा, सागवाड़ा से सुरेन्द्र बामणिया, मावली से पुष्कर डांगी, संगरिया से शबनम गोदारा, लाडपुरा से नईमुद्दीन गुड्डू, पीलीबंगा से विनोद गोठवाल, विद्याधर नगर से विक्रम सिंह शेखावत, तिजारा से दुरु मियां, बड़ी सादड़ी से प्रकाश चौधरी और चित्तौड़गढ़ से सुरेंद्र जाड़ावत शामिल हैं।
रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के होंगे प्रयास
कांग्रेस के इस फार्मूले से कई पूर्व मंत्री और विधायक अगर टिकट पाने से वंचित रह जाते हैं तो उनमें से कुछ नेता बागी होकर मैदान में उतर सकते हैं। अन्य नेता टिकट कटने पर अपने पारिवारिक रिश्तेदारों का नाम आगे कर सकते हैं। हालांकि पिछली बार टिकट कटने से कुछ नेता बागी होकर मैदान में उतरे थे और कांग्रेस प्रत्याशियों को हरा कर निर्दलीय चुनाव जीत गए। इनमें कोटपूतली से आलोक बेनीवाल और सिरोही के संयम लोढा शामिल हैं। पिछली बार इस फार्मूले को तोड़ते हुए बीडी कल्ला को टिकट दिया था जो चुनाव जीत गए और मंत्री भी बने।
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