विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमाएंगे ये सेवानिवृत आईएएस-आईपीएस - 1 दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड अफसर टिकट पाने की कतार में
- Post By रामस्वरूप लामरोड़
- May 6, 2023 09:36:58
जयपुर। राजस्थान में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। नेताओं और उनके परिवार वालों के अलावा कई सेवानिवृत अफसर भी इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में है। कुछ अफसर ऐसे भी हैं जो आगामी तीन या चार महीनों में सेवानिवृत होने वाले हैं और वे अपने पसंदीदा क्षेत्र में सक्रिय भी हो गए हैं। पूर्व के चुनावों में भी ऐसा देखा गया है कि रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस राजनीति में अपना भाग्य आजमाते रहे हैं। राजनैतिक दलों द्वारा टिकट दिए जाने पर कुछ सेवानिवृत अफसर विधायक, मंत्री, सांसद और केन्द्रीय मंत्री भी बने हैं। आइये जानते हैं उन अफसरों के बारे में जो आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं।
इस बार ये अफसर हैं चुनाव लड़ने की कतार में
निरंजन आर्य - रिटायर्ड आईएएस निरंजन आर्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं और वर्तमान में ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार हैं। ये कांग्रेस के नजदीकी हैं। इनकी पत्नी सुनीता आर्य पूर्व में सोजत विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है और वर्तमान में वे आरपीएससी की सदस्य हैं। इस बार निरंजन आर्य सोजत से चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
गोपाल लाल मीणा - सेवानिवृत आईपीएस गोपाल लाल मीणा उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे हैं। वे जयपुर के पास जमवारामगढ के रहने वाले हैं। इनकी पत्नी ग्राम पंचायत चिताणु कलां की निर्विरोध सरपंच हैं। योगी सरकार में रहते हुए गोपाल लाल मीणा लगातार 5 साल तक डीजीपी रहे। बताया जा रहा है कि मीणा ने यूपी में 200 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। कर्नाटक चुनावों के बाद गोपाल मीणा बीजेपी ज्वॉइन करेंगे।
पवन कुमार जैन - मध्यप्रदेश में डीजी होमगार्ड पवन कुमार जैन 3 महीने बाद सेवानिवृत होंगे। वे धौलपुर जिले के राजाखेड़ा क्षेत्र के रहने वाले हैं और राजाखेड़ा से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पवन कुमार जैन का कहना है कि उनका परिवार राजनीति में सक्रिय है। अब क्षेत्र की जनता चाहती है कि मैं भी राजनीति में आकर सेवा करूं।
चंद्र मोहन मीणा - रिटायर्ड आईएएस चंद्र मोहन मीणा पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे हैं। वे बस्सी विधानसभा क्षेत्र के तूंगा गांव के रहने वाले हैं। वे बीजेपी से टिकट मांग रहे हैं और कई महीनों से क्षेत्र में सक्रिय हैं।
लालचंद असवाल - रिटायर्ड आईएएस लालचंद असवाल पिछले कई सालों से जनसेवा में सक्रिय हैं। वे टोंक या दौसा से किस्मात आजमा सकते हैं। असवाल दलित समाज के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
केसी वर्मा - सेवानिवृत आईएएस केसी वर्मा पूर्व में जयपुर संभाग के आयुक्त रहे हैं। किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर वे पिछले कई महीनों से आन्दोलनरत है। वर्मा टोंक जिले के निवाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
हनुमान सिंह भाटी - सेवानिवृत आईएएस हनुमान सिंह भाटी पूर्व संभागीय आयुक्त रहे हैं। वे अजमेर जिले के पुष्कर से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे हैं।
अशफाक हुसैन - सेवानिवृत आईएएस अशफाक हुसैन पहले आएएस थे और बाद पदोन्न होकर आईएएस बने थे। इन दिनों में झुंझुनूं में सक्रिय हैं। वे कांग्रेस से टिकट की उम्मीद रख रहे हैं। अगर कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं देती है तो वे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से भी चुनाव लड़ सकते हैं।
अनिल कुमार गोठवाल - अनिल कुमार गोठवाल सेवानिवृत आईपीएस हैं। वे जयपुर के वैशाली नगर के रहने वाले हैं और शहर के पास स्थित चाकसू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। गोठवाल 5 साल पहले सेवानिवृत हुए थे। तभी से वे जनसेवा में सक्रिय हैं।
विजेन्द्र सिंह झाला - रिटायर्ड आईपीएस विजेन्द्र सिंह झाला भी 6 साल पहले सेवानिवृत हो चुके हैं। उन्होंने पिछले चुनावों में भी चुनाव लड़ने के लिए कोशिश की लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।
महेन्द्र सिंह चौधरी - रिटायर्ड आईपीएस महेन्द्र सिंह चौधरी बाड़मेर के रहने वाले हैं। 5 साल पहले वे सेवानिवृत हो चुके। पिछले लोकसभा चुनावों में उनका नाम प्रत्यशियों के पैनल में था लेकिन पार्टी ने कैलाश चौधरी को टिकट दे दिया था। महेन्द्र सिंह चौधरी बीजेपी के कार्यक्रमों में लगातार सक्रिय रहे हैं।
हरिप्रसाद शर्मा - सेवानिवृत आईपीएस हरिप्रसाद शर्मा साल पहले सेवानिवृत हो चुके। वे फुलेरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। जब वे सेवानिवृत हुए थे तब जयपुर से लेकर फुलेरा तक रैली निकाली गई थी जिसमें हजारों समर्थक शामिल हुए थे। वर्तमान में हरिप्रसाद शर्मा राजस्थान राज्य कर्मचारी बोर्ड के चेयरमैन हैं।
मदन गोपाल मेघवाल - रिटायर्ड आईपीएस मदन गोपाल मेघवाल बीकानेर के रहने वाले हैं। वे 5 साल पहले सेवानिवृत हो चुके। कांग्रेस ने इन्हें पिछले लोकसभा चुनावों में टिकट भी दिया था लेकिन वे चुनाव जीत नहीं पाए। इस बार वे विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश में हैं।
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