रिश्वत केस में मेयर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ना शुरू, डीएलबी ने जारी किया नोटिस - भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे उनका 3 दिन में दें जवाब, महापौर की कुर्सी पर लटकी तलवार
जयपुर। जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढना शुरू हो गई है। रिश्वत प्रकरण में दो दिन पहले राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी थी। एसीबी को केस चलाने की अनुमति मिलने के साथ ही मुनेश के बुरे दिन शुरू हो गए। बुधवार 11 सितंबर को स्वायत्त शासन विभाग ने महापौर मुनेश गुर्जर को नोटिस जारी किया है। मुनेश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में उनसे जवाब मांगा है। जवाब देने के लिए मुनेश को सिर्फ तीन दिन का समय दिया गया है।
तीन दिन बाद बर्खास्त होना तय
डीएलबी की ओर से मुनेश गुर्जर को दिए नोटिस से स्पष्ट है कि तीन दिन बाद मुनेश गुर्जर के महापौर पद पर तलवार चलेगी। राज्य सरकार की ओर से मुनेश गुर्जर को महापौर पद से बर्खास्त किया जाना तय माना जा रहा है। चूंकि मुनेश को राज्य सरकार पूर्व में दो बार निलंबित कर चुकी है। दोनों ही बार वे हाईकोर्ट से राहत पाकर फिर से महापौर की कुर्सी पर काबिज हुई है। पूर्ववर्ती सरकार ने मुनेश के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी जबकि भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट को दखल के बाद अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी।
दो लाख रुपए लेते हुए पति हुआ था गिरफ्तार
पिछले साल 4 अगस्त 2023 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने महापौर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रेप किया था। मुनेश के घर पर ही एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया था। जब महापौर मुनेश के घर में एसीबी ने तलाशी ली तो 41 लाख रुपए नकद मिले थे। साथ ही पट्टों से संबंधित कई फाइलें भी मिली थी। पति सुशील गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद जब एसीबी ने मामले की जांच की तो इस प्रकरण में महापौर मुनेश को भी दोषी माना।
कुर्सी जाने और पाने का यूं चला सिलसिला
पट्टे जारी करने की एवज में सुशील गुर्जर के रिश्वत लेते गिरफ्तार होने के अगले ही दिन 5 अगस्त 2023 को स्वायत्त शासन विभाग ने सुशील की पत्नी मुनेश गुर्जर को महापौर पद से निलंबित कर दिया था। करीब 18 बाद ही मुनेश को हाईकोर्ट से राहत मिली और 23 अगस्त 2023 को वह फिर से महापौर की कुर्सी पर काबिज हो गई। 22 सितंबर 2023 को पूर्ववर्ती सरकार ने एक बार फिर मुनेश गुर्जर को महापौर पद से निलंबित किया। मुनेश एक बार फिर हाईकोर्ट गई और दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट से राहत पाते हुए फिर से महापौर बन गई। अब मुनेश की मुश्किलें कम होना मुश्किल है।
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