भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मैं अपनी मांग पर कायम हूं,' सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के बयान पर यूं किया पटलवार - सचिन पायलट के तेवर बरकरार
जयपुर। कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार फिर कहा है कि उनके द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे की जांच मामले पर वे आज भी कायम हैं। इस मुद्दे को वे आगे तक लेकर जाएंगे। जयपुर के झारखंड महादेव में दर्शन करने गए सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत मुद्दा नहीं उठाया है। कांग्रेस ने हमेशा से बीजेपी राज में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाई है। पिछली बार जब हम विपक्ष में थे तब हम सब ने जनता से वादा किया था कि जब हम सत्ता में आएंगे तब बीजेपी राज में हुए घोटालों की जांच कराएंगे। सवा चार से ज्यादा का वक्त गुजर गया। राज्य सरकार को अपना वादा निभाते हुए जांच करानी चाहिए वरना हम फिर से जनता के बीच कैसे जाएंगे।
वसुंधरा राजे के बयान पर यूं पलटवार किया पायलट ने
सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने कभी यह बयान नहीं दिया कि अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं। बल्कि उन्होंने तो यह कहा था कि करप्शन की जांच नहीं कराने पर हमारे विरोधी ऐसा आरोप लगा सकते हैं। जनता को ऐसा लग सकता है कि गहलोत और राजे मिले हुए हैं। सचिन पायलट ने कहा कि हमने जो कहा, वह करके दिखाना चाहिए। वरना हमारे विरोधी यानी बीजेपी वाले यह भ्रम ना फैला दें कि कहीं साठगांठ की आशंका तो नहीं है। सचिन पायलट ने कहा कि जब उन्होंने सीधे तौर पर किसी मिलीभगत का आरोप लगाए ही नहीं तो वसुंधरा राजे जी को सफाई देने की जरूरत कहां पड़ गई। राजे द्वारा दूध और नींबू के रस वाला बयान देने की कोई जरूरत ही नहीं थी।
मैंने जो मुद्दे उठाए, वे पार्टी हित के मुद्दे हैं - पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि विवाद तो कोई है ही नहीं जिसे सुलझाने की जरूरत हो। उन्होंने तो केवल वे मुद्दे उठाए हैं जो पार्टी हित में है। भ्रष्टाचार का मुद्दा ज्वलंत मुद्दा है और इस मुद्दे को सवा साल पहले भी उठाया था। बाद में रिमाइंडर भी भेजा था। जब उनकी चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तब उन्होंने अनशन का निर्णय लिया था। पायलट ने कहा कि उन्होंने हमेशा उसी काम को प्राथमिकता दी है जो पार्टी के हित में हो। सरकार और संगठन को हमने बड़ी मेहनत से सींचा है लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जो हमने जनता से वादे किए थे। वे पूरे किए जाने चाहिए। केवल एसटीएफ गठन कर देना या कानून बना देना पर्याप्त नहीं है। इन मामलों की सघन जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।
25 सितंबर की घटना आलाकमान के खिलाफ बगावत
सचिन पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस में जो हुआ, वह ठीक नहीं था। कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी के आदेशों की खुली अवहेलना हुई थी। पार्टी नेतृत्व ने उस घटना पर स्वत संज्ञान लेते हुए तीन नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी किए थे। आज 6 हो गए लेकिन उन नोटिस पर कार्रवाई थम सी गई है। पायलट ने कहा कि यह मामला पार्टी आलाकामन और प्रदेश प्रभारी से जुड़ा है। इस विषय पर वे ही जवाब दे सकते हैं लेकिन कांग्रेस आलाकमान को चुनौती देने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उस दिन जो घटनाक्रम हुआ, वह तत्कालीन प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे के सामने पब्लिक डोमेन में हुआ था। इसमें कुछ भी छुपा हुआ नहीं है।
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