Happy Mother's Day... हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी हर रोज मां का चेहरा देखते हैं ये दो भाई - युगांतर और भास्वित के चेहरे देखे बिना नींद नहीं आती सविता पाईवाल को
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जयपुर। मां का साया बच्चों पर होता है तब वे हर मुश्किल से लड़ने में सक्षम होते हैं। गरीब मजबूर हो या कोई नेता या व्यापारी। सब अपने बच्चों को दुनिया की वो हर खुशी देने की कोशिश करते हैं, जिसे वह पाना चाहते हैं। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में कई बच्चों को अपनी मां से दूर रहना पड़ता है लेकिन इस तकनीकी युग ने सारी दूरियां मिटा दी है। इंटरनेट के जमाने में अब हजारों किलोमीटर दूर रहते हुए भी बच्चे अपनी मां से रोज बात कर सकते हैं और उन्हें देख सकते हैं। ऐसी ही कहानी है जयपुर के युगांतर और भास्वित की जो दूर रहकर भी हर दिन अपनी मां से बात करते हैं।
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हजारों किलोमीटर दूर रहकर रोज मां के दीदार करते हैं दोनों भाई : - जयपुर के जवाहर सर्किल के पास रहने वाले दो भाई युगांतर और भास्वित पढाई के सिलसिले में विदेशों में रह रहे हैं। युगांतर यूएसए की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर इन साइंस कर रहा है। वहीं भास्वित ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न से साइकोलॉजी में डिग्री कर रहा है। एक भाई जयपुर से 11 हजार किलोमीटर दूर पश्चिम में और दूसरा भाई 10 हजार किलोमीटर पूर्व में रहता है। हजारों किलोमीटर दूर होते हुए भी युगांतर और भास्वित रोज अपनी मां सविता पाईवाल से बात करते हैं।
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हर रोज मदर्स डे जैसा है: युगांतर और भाविस्त : - युगांतर और भास्वित का कहना है कि उनके लिए तो रोज मदर्स डे ही होता है। मां के बगैर में एक दिन भी नहीं रह सकते। दुनिया 14 मई को मदर्स डे मनाती है तो उन्होंने भी अपनी मां कॉल किया और उनके सपनों के बारे में पूछा। युगांतर और भास्वित अपनी मां के हर सपने को पूरा करना चाहते हैं। उनका कहना कि परिवार में मां, दादी, मौसी, पापा, चाचा सहित सभी का बहुत प्यार मिलता रहा है लेकिन मां उनके लिए सबसे स्पेशल हैं। हर रोज वे और किसी से बात कर पाएं या नहीं लेकिन मां से जरूर बात करते हैं।
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बच्चों के चेहरे देखे बिना नींद नहीं आती: सविता पाईवाल : - युगांतर और भास्वित की मां सविता पाईवाल का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों के चेहरे देखे बगैर नींद नहीं आती। हर रोज देर शाम को सोने से पहले वे अपने दोनों बच्चों को याद करती है। दोनों बच्चे उन्हें वीडियो कॉल करके दिनभर की बातें शेयर करते हैं। मां उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट करने के साथ उन्हें हर छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने को जरूर कहती है। सविता पाईवाल का कहना है कि एक बात वे अपने बच्चों से रोज पूछती है कि खाना खाया या नहीं। खाने में क्या लिया। युगांतर और भास्वित कहते हैं कि सब लोगों की तरह वे भी रोज खाना खाते ही हैं लेकिन मां रोज उनसे यह सवाल जरूर करती है।
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