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आखिर ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री गहलोत को पीएम मोदी के प्रचार पर रोक की मांग करनी पड़ी - मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकारों से बातचीत में चुनाव आयोग से की मांग

आखिर ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री गहलोत को पीएम मोदी के प्रचार पर रोक की मांग करनी पड़ी

 

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव कैम्पेनिंग पर रोक लगा देनी चाहिए। शनिवार 6 मई की देर शाम को मुख्यमंत्री आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए गहलोत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई धार्मिक बातें नहीं कर सकता जबकि पीएम मोदी धार्मिक हिसाब से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि कानून में यह साफ साफ लिखा है कि धार्मिक हिसाब से कोई प्रचार नहीं कर सकता। ऐसे में इलेक्शन कमीशन को पीएम नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए।

 

भैंरोसिंह शेखावत के बयान का उदाहरण दिया सीएम गहलोत ने 

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भैंरोसिंह शेखावत का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार शेखावत ने चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक बयान दिया था। उस समय शेखावत ने श्रीगंगानगर और बाली से चुनाव लड़ा था। गंगानगर से वे चुनाव हार गए थे और बाली से चुनाव जीते थे। बाद में वे मुख्यंमत्री भी बने। चुनाव के दौरान राम मंदिर से जुड़ी बातें कही गई तब वामपंथी दल के एक नेता ने चुनाव आयोग को शिकायत की थी। उस मामले की लम्बी सुनवाई चली और चुनाव आयोग उनके खिलाफ एक्शन लेने वाला था। यानी उन दिनों भैंरोसिंह शेखावत की विधानसभा सदस्यता जाने वाली थी लेकिन भैंरोसिंह शेखावत के समर्थकों ने शिकायत कर्ता को किसी तरह मैनेज कर लिया था वरना उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ने वाली थी। कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल से जुड़े मुद्दे को बीजेपी द्वारा बजरंग बली से जोड़कर दुष्प्रचार किया जा रहा है।

 

ऐसे बयान बीजेपी का कल्चर है - गहलोत

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि एक तरफ कर्नाटक में कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार को मारने की धमकी के बयान वायरल हो रहे हैं। दूसरी तरफ राजस्थान में बीजेपी के विधायक मदन दिलावर कह रहे हैं कि खरगे साहब 80 साल के हो गए हैं, ना जाने भगवान उन्हे ंकब उठा ले। गहलोत ने कहा कि इस तरह के बयानों से आप आसानी से समझ सकते हैं कि बीजेपी के नेताओं का कल्चर क्या है। गहलोत ने कहा कि दिलावर के खिलाफ भी कई मुकदमें दर्ज हैं। पिछले दिनों जब उन्होंने महंगाई राहत कैंप में जाकर राजकार्य में बाधा डाली थी। उस समय पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने गई लेकिन दिलावर वहां से भाग गए थे।

 

पीएम मोदी की चुप्पी खतरनाक साबित हो सकती है - गहलोत

 

कर्नाटक में एक बीजेपी प्रत्याशी के कथित ऑडियो वायरल में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और उनके परिवार को जान से मारने दी जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि यह चुप्पी खतरनाक साबित हो सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को आगे आकर मुद्दे पर अपनी बात रखनी चाहिए। खरगे और उनके परिवार को जान से मारने वाले वायरल ऑडियो पर अपना पक्ष रखना चाहिए। या तो उसका समर्थन करें या फिर विरोध करें। धमकी वाले बयान पर कुछ तो कहना चाहिए बीजेपी के नेताओं को।

 

सांसद बृजभूषण पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही

 

दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रही महिला पहलवानों का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस सांसद पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों के साथ 32 एफआईआर दर्ज हो। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होना चिंताजनक है। गहलोत  ने कहा कि बृजभूषण पर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा। जबकि राजस्थान में अनिवार्य एफआईआर सिस्टम लागू है। यहां कोई भी व्यक्ति किसी भी थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करा सकता है। अगर कोई पुलिस अधिकारी किसी परिवादी का मुकदमा दर्ज नहीं करता है तो उसके खिलाफ एक्शन होता है। 

 

 

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