शांति धारीवाल ने कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल कर सोनिया गांधी का अपमान किया - दिव्या मदेरणा - कांग्रेस की तेज तर्रार विधायक ने केबिनेट मंत्री शांति धारीवाल पर बड़ा सियासी हमला किया
जयपुर। कांग्रेस में अंदरुनी कलह के किरदार सिर्फ अशोक गहलोत और सचिन पायलट ही नहीं है। कांग्रेस के और भी कई नेता हैं जो एक दूसरे पर सियासी हमला करने का मौका नहीं चूकते। 7 महीने पहले जब गहलोत गुट के विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बगावत की थी तब कांग्रेस की तेज तर्रार विधायक दिव्या मदेरणा ने मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को पार्टी का असली गद्दार करार दिया था। अब दिव्या मदेरणा ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल पर एक बार सियासी हमला बोला है। धारीवाल ने द्वारा सीएम गहलोत के समर्थन में दिए गए एक बयान की दिव्या मदेरणा ने घोर निंदा करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के किसी नेता में दम नहीं था कि वे परसराम मदेरणा को पानी पिला देते।
पहले पढिए शांति धारीवाल का बयान जिस पर दिव्या को आया गुस्सा
गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के घाट की गुणी क्षेत्र में पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा की मूर्ति अनावरण किया था। इस समारोह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी मौजूद थे। शांति धारीवाल ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि 'ये वो अशोक गहलोत हैं जिन्होंने बड़े बड़े लोगों को पानी पिला दिया। अशोक जी तीन साल पीसीसी चीफ रहे। इन तीन साल में उन्होंने जो संगठन जमाया, उससे हाईकमान इतना प्रसन्न हुआ कि उन दिनों मुख्यमंत्री बनने के लिए कई बड़े बड़े उम्मीदवार थे लेकिन उन्होंने अशोक गहलोत को जिम्मेदारी सौंपी।' धारीवाल ने यह बयान सचिन पायलट पर तंज कसते हुए दिया था। साथ ही उन्होंने इशारों ही इशारों में वर्ष 1998 की उस घटना की भी याद दिला दी जब कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी और परसराम मदेरणा मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया था।
दिव्या मदेरणा ने धारीवाल के बयान पर ऐसे प्रकट किया गुस्सा
दिव्या मदेरणा ने शांति धारीवाल के इस बयान को टैग करते हुए ट्वीट किया कि 1998 में 153 सीटों का जनादेश स्वर्गीय परसराम मदेरणा के नाम पर आया था और 1998 के बाद कांग्रेस कभी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पायी। कांग्रेस ट्रिपल डिजिट से डबल डिजिट में ही सिमटी रही। राजस्थान और हिंदुस्तान के किसी नेता में इतना दम नहीं था कि उन्हें पानी पिला देते। वे जनता के नेता थे। धारीवाल के 'बड़े बड़े नेताओं को पानी पिलाने' के बयान की निंदा करते हुए दिव्या ने कहा कि परसराम मदेरणा कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही थे। उन्होंने नेहरू गांधी परिवार की किसी बात को कभी नहीं टाला। वर्ष 1998 उनके जीवन का आखिरी चुनाव होगा। इसकी घोषणा उन्होंने चुनाव से पहले ही कर दी थी फिर भी कांग्रेस आलाकमान का आदेश उन्होंने सिर आँखों पर और इसलिए 1998 में उन्होंने ही माइक पर एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाया था कि कांग्रेस आलाकमान जो निर्णय लेंगे व सभी कांग्रेस जन को मंजूर होगा। इसी वजह से अशोक गहलोत जी मुख्यमंत्री बन पाए थे।
धारीवाल पर सोनिया गांधी के अपमान का आरोप लगाया
दिव्या मदेरणा ने राजस्थान कांग्रेस में 25 सितम्बर को हुए बवाल का जिक्र करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के आदेश पर 25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन शांति धारीवाल ने इस अधिकृत विधायक दल का बहिष्कार कर समांतर बैठक आयोजित कर दी थी। दिव्या ने कहा कि शांति धारीवाल जी बड़े बड़े नेताओं को पानी पिलाने काम तो 25 सितंबर को आपने ही किया था। आप ने कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हुए समांतर विधायक दल की मीटिंग बुलाई थी। कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा भेजे गए एक लाइन का प्रस्ताव स्थगित करा कर आपने सोनिया गांधी जी का अपमान किया था। पानी पिलाने जैसे शब्दों का प्रयोग कर स्वर्गीय परसराम मदेरणा जी का अपमान किया है। मदेरणा ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि निष्ठा,उसूल, अनुशासन आदि शब्द आपके शब्दकोश में है ही नहीं इसलिए आप से नैतिकता की उम्मीद भी नहीं है।
Comment / Reply From
You May Also Like
Recommended posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!