जयपुर के पूर्व राजपरिवार की संपत्ति हड़पने की साजिश...! सिटी पैलेस के प्रशासनिक अधिकारी ने दर्ज कराई FIR - दूसरे पक्ष का तर्क - हाईकोर्ट के आदेश पर निगम ने दिए थे पट्टे
जयपुर। जयपुर के पूर्व राजघराने की राजकुमारी प्रदेश की डिप्टी सीएम है। सरकार की प्रमुख हिस्सा होने के बावजूद जयपुर में राजपरिवार की संपत्ति हड़पने का बड़ा मामला सामने आया है। डिप्टी सीएम दिया कुमारी का निवास जयपुर के सिटी पैलेस में है। करोड़ों रुपए की संपत्ति हड़पने के मामले में सिटी पैलेस के प्रशासनिक अधिकारी ने माणक चौक थाने में 3 मुकदमे दर्ज कराए हैं। तीन मुकदमे अलग अलग लोगों के खिलाफ दर्ज कराए गए हैं। इन मुकदमों की जांच माणक चौक थाना प्रभारी गुरु भूपेन्द्र सिंह कर रहे हैं।
सवाई भवानी सिंह के नाम से बनाया फर्जी आवंटन पत्र
सिटी पैलेस के प्रशासनिक अधिकारी सिद्धार्थ सिंह की ओर से तीनों एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें आरोप गया है कि आरोपियों ने जयपुर राजघराने के पूर्व महाराजा सवाई भवानी सिंह के नाम से फर्जी आवंटन पत्र बना लिए हैं। इन आवंटन पत्रों के जरिए जयपुर नगर निगम से पट्टे बनाने के प्रयास किए गए। जब पट्टों के लिए फाइल लगाई गई थी। तब जमीन हड़पने का मामला सामने आया। नगर निगम की ओर से पट्टा जारी करने से पहले ही पूर्व राजपरिवार की ओर से आपत्ति दर्ज करा दी गई जिसकी वजह से पट्टा जारी नहीं हो सका।
किसी को नहीं सौंपा स्वामित्व - सिद्धार्थ सिंह
सिद्धार्थ सिंह का कहना है कि पिछले दिनों कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने के लिए आए थे। तब पूर्व राजपरिवार के सदस्यों की ओर से दस्तावेज मांगे गए। उस दिन कब्जा करने आए लोगों ने स्वर्गीय सवाई भवानी सिंह की ओर से उनके पक्ष में स्वामित्व का अधिकार देने का आवंटन पत्र दिखाया था। सिद्धार्थ सिंह का कहना है कि सवाई भवानी सिंह ने अपने हिस्से की जमीन का आवंटन किसी के पक्ष में नहीं किया था। ऐसा कोई दस्तावेज पूर्व राजपरिवार के रिकॉर्ड में नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि लोगों की ओर से पेश किए गए आवंटन पत्र फर्जी थे।
सिटी पैलेस से एक किलोमीटर दूर है जमीन
माणक चौक थाना प्रभारी गुरु भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सिटी पैलेस से करीब एक किलोमीटर दूर गट्टा कॉलोनी है। वहां पर कुछ भूखंड है जो कई दशकों से खाली पड़े हैं। वर्तमान में उन भूखंडों पर नगर निगम की ओर से जब्त किए गए थड़ी ठेले और अवैध अतिक्रमण से हटाए गए सामान रखे जाते हैं। यानी कि भूमि का उपयोग नगर निगम की ओर से किया जा रहा है और वहां राजपरिवार की संपत्ति का बोर्ड लगा हुआ है। थाना प्रभारी ने कहा कि मुकदमे दर्ज कर लिए हैं और जांच की जा रही है।
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