आजादी के बाद पहली बार राजस्थान में बन रहा है कांग्रेस का अपना भवन, जानिए क्या है इस हाईटेक मुख्यालय की विशेषताएं - लग्जरी सुविधाओं से सुसज्जित होगा कांग्रेस का हाईटेक हैडक्वाटर, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने किया शिलान्यास
जयपुर। राजस्थान में अब तक कांग्रेस का खुद का कोई भवन नहीं था। दान में दिए हुए भवन में कांग्रेस पार्टी का कार्यालय संचालित था। आजादी के बाद पहली बार प्रदेश कांग्रेस को खुद का भवन नसीब होने जा रहे हैं। लम्बे प्रयासों के बाद अब वह मौका आया है जब कांग्रेस के नए भवन की नींव रखी गई। जयपुर के मानसरोवर में शिप्रापथ पर मॉर्डन स्कूल के पास कांग्रेस मुख्यालय के लिए जमीन आवंटन हुई है जहां नए भवन का निर्माण होना है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीसीसी के नए मुख्यालय का शिलान्यास किया है। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोग गहलोत सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
मुख्यालय के नाम 'इंदिरा भवन'
जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में बनाए जा रहे नए कांग्रेस मुख्यालय का नाम देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर 'इंदिरा भवन' रखा गया है। इसकी नींव इंदिरा गांधी के पोते और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रखी। इस नए भवन को काफी हाईटेक बनाया जा रहा है। नए कार्यालय में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इसका निर्माण आधुनिक शैली में किया जाएगा जिसमें पीसीसी चीफ और सीएलपी लीडर के अलग अलग कक्ष बनाए जाएंगे। साथ ही पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
कैफेटेरिया, लाउंज और मल्टीपरपज कॉन्फ्रेंस हॉल
पीसीसी के नए भवन में सभी तरह की लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इस कैफेटेरिया के साथ लाउंज भी बनाया जा रहा है। मल्टीपरपज कॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण किया जाएगा। कार्यालय में आने वाले वीवीआईपी मेहमानों के ठहरने के लिए आवास की सुविधा भी होगी। आवास के लिए सुइट रूम और डीलक्स कक्ष बनाए जाएंगे। साथ ही हाईटेक मेस भी बनाई जाएगी। पार्किंग बेसमेंट में बनाई जा रही है। नए भवन में डिजिटल और आर्काइव कक्ष भी होंगे।
फिलहाल भीड़भाड़ वाले छोटे भवन में संचालित है पार्टी कार्यालय
पिछले 63 साल से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का मुख्यालय शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में चांदपोल के पास स्थित है। यह भवन पार्टी का स्वयं का ना होकर दान में दिया हुआ भवन है। इस भवन में जगह की काफी कमी है। पीसीसी चीफ का कमरे भी छोटे छोटे हैं। संगठन के पदाधिकारियों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरों का इस भवन में अभाव है। कांफ्रेंस हॉल भी काफी छोटा है। जब पार्टी की ओर से कोई बड़ा कार्यक्रम होता है तब पदाधिकारियों के बैठने और वाहनों की पार्किंग को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस पुराने भवन का नाम इंदिरा गांधी भवन है।
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