मुख्यमंत्री की भावना सैनी समाज के हित में, शांति और सद्भाव बनाए रखे सैनी समाज - राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह और मोती बाबा फुले ने की अपील
जयपुर। 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सैनी, माली, मौर्य और काछी (कुशवाह) समाज के लोगों का आंदोलन जारी है। यह आन्दोलन प्रदेश के कई जिलों में फैल गया है। सैनी समाज के प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावना को देखते हुए अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी और महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय जाग्रति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोती बाबा फुले ने समाज के लोगों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है। कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के स्टेट कॉर्डिनेटर मोती बाबा फुले ने कहा कि मंगलवार 25 अप्रेल को आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सौहार्द्धपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई। यह वार्ता सकारात्मक रही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं चाहते हैं कि हर समाज के लोगों को उनका हक मिले। मोती बाबा फुले ने आन्दोलन करने वाले लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि उग्र प्रदर्शन किसी मांग का हल नहीं है। इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जाता है। माली, सैनी, कुशवाह और काछी समाज के लोग सदियों से शांत, धीर, गंभीर और संवेदनशील प्रवृति के माने जाते रहे हैं।
सीएमओ से गई लीगल टीम ने भरतपुर में की वार्ता
इधर मामले की गंभीरता को लेते हुए मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सीएमओ से एक लीगल टीम का गठन करते हुए जयपुर हाईकोर्ट के अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी के नेतृत्व में एक टीम को भरतपुर भेजा। जहां आंदोलनकरियों की रिहाई की मांगों को मानते हुए इस संबंध में रात्रि में प्रदर्शनकारियों को रिहा कराया। इसके बाद जयपुर हाई कोर्ट के अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी ने रात्रि में ही रिहा हुए आंदोलनकारियों को धरना स्थल पर ले जाकर वार्ता की ओर सुबह मुख्यमंत्री आवास पर प्रतिनिधमंडल की सीएम गहलोत से मुलाकात भी करवाई। इस अवसर भरतपुर के सीनियर अधिवक्ता रामगोपाल सैनी, रूपेश सैनी व विष्णु सैनी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री की भावना समाज हित में
अतिरिक्त राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी ने समाज के लोगो से शांति की अपील करते किसी भी अफवाह और गुमराह करने वाली बातों नहीं आने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावना को देखते हुए शांति रखनी चाहिए। प्रतिनिधि मंडल की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुरंत उस मांग पत्र को ओबीसी वर्ग आयोग को भेज दिया। साथ ही 1 मई 2023 को प्रतिनिधि मंडल के साथ आयोग के पदाधिकारियों की बैठक तय कर दी। सीएम गहलोत का यह भी कहना था कि केन्द्र सरकार जब जातिगत जनगणना कराएगी तब सभी जातियों की संख्या के बारे में जानकारी मिल जाएगी। उसके बाद जरूरतमंद समाज के लोगों को उनकी सुविधा के अनुसार उनका हक मिलना चाहिए।
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