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चुनाव से 7 महीने पहले केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने खाली किया सरकारी बंगला... - चुनाव जीतने का टोटका है या सरकार से नाराजगी

चुनाव से 7 महीने पहले केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने खाली किया सरकारी बंगला...



 

जयपुर। राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री बुलाकीदास कल्ला यानी बीडी कल्ला ने सरकारी बंगला छोड़ दिया है। 6 बार कांग्रेस के विधायक रहने वाले बीडी कल्ला पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नेताओं में गिने जाते हैं। इस चुनावी साल में इस केबिनेट मंत्री द्वारा चुनाव से 7 महीने पहले सरकारी बंगला खाली कर दिया है। वे मालवीय नगर में गौरव टावर के पीछे स्थित अपने मकान में शिफ्ट हो गए हैं। एक केबिनेट मंत्री द्वारा अचानक सरकारी बंगला खाली करना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

बंगला खाली करने का कोई कारण नहीं बताया कल्ला ने

 

अन्य केबिनेट मंत्रियों की तरह बीडी कल्ला को सिविल लाइन में बंगला नम्बर 382 A अलॉट है। अब अचानक उन्होंने बंगला खाली क्यों किया। यह किसी के समझ में नहीं आ रहा है। स्वयं बीडी कल्ला ने भी बंगला खाली करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा है कि पहले उनके मकान के पहले फ्लोर पर जाने में दिक्कत आती थी। अब लिफ्ट लगा ली गई है। अब उन्हें अपने घर में रहकर काम करने में कोई दिक्कत नहीं है। कल्ला ने भले ही कोई कारण नहीं बताया को लेकिन उनके द्वारा बंगला खाली करने पर राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

 

चुनावी टोटका भी हो सकता है बड़ा कारण

 

कुछ लोगों का कहना है कि बीडी कल्ला द्वारा सरकारी बंगला खाली करने के पीछे टोटका है। यानी किसी पंडित और वास्तुविद की सलाह पर उन्होंने यह बंगला खाली किया है। पंडितों और वास्तुविदों ने उन्हें बताया है कि इस बंगले का वास्तु ठीक नहीं है। वास्तु ठीक नहीं होने की वजह से वे चुनाव हार सकते हैं। चूंकि 6 बार बीकानेर पश्चिम सीट से चुनाव जीतने वाले बीडी कल्ला दो बार चुनाव हार भी चुके हैं। ऐसे में चुनाव जीतने के लिए उन्होंने पंडितों और वास्तुविदों की सलाह मानते हुए सरकारी बंगले को खाली किया है।

 

सर्वे रिपोर्ट कल्ला के पक्ष में नहीं

 

बताया यह भी जा रहा है कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री की ओर से करवाए गए सर्वे में बीडी कल्ला की सर्वे रिपोर्ट उनके पक्ष में नहीं आई। विधायकों में वन टू वन संवाद के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिन्दर सिंह और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने कई विधायकों और मंत्रियों को यह साफ साफ कह दिया था कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक आप चुनाव नहीं जीत रहे हैं। ऐसे में अपने क्षेत्र में ज्यादा मेहनत करें। बीडी कल्ला भी उन्हीं नेताओं में से एक हैं। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के मुखिया से उनकी थोड़ी नाराजगी भी है। सरकारी बंगला छोड़ने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है।

 

बीडी कल्ला के टिकट पर संशय

 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला वर्ष 2008 और वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। दो बार लगातार चुनाव हारने वालों को कांग्रेस ने टिकट नहीं देने का फैसला किया था। इससे वर्ष 2018 के चुनावों में बीडी कल्ला के टिकट पर संकट आ गया था। हालांकि काफी मशक्कत के बाद पार्टी ने कल्ला को टिकट दे दिया था और वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बार भी बीडी कल्ला के टिकट पर संशय बताया जा रहा है। पार्टी के दूसरे नेता बीकानेर पश्चिम सीट पर तैयारी कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी की नजर भी बीकानेर पश्चिम की सीट पर है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चाएं हैं कि परिस्थितियों को भांपते हुए कल्ला बंगला खाली कर दिया है।

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