'सत्ता में आते ही बीजेपी भूखे भेड़िये जैसी हो जाती है' - CM अशोक गहलोत - 2000 का नोट चलाने और बंद करने के पीछे हुआ बड़ा खेल
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी जिस राज्य में भी सत्ता में आती है तो सत्ता में आने के बाद उनकी स्थित भूखे भेड़िये की तरह होती है। जिस तरह से भूखे भेड़िये को कुछ खाने को मिल जाता है तब उसकी जो स्थिति होती है। उसी तरह का हाल बीजेपी का होता है। जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पु्ण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं के उस प्रस्ताव पर पलटवार किया जो उन्होंने नागौर में हुई कार्यसमिति की बैठक में पास किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी वाले हमारे खिलाफ प्रस्ताव पास कर रहे हैं जबकि हमने राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ रिकॉर्ड कार्रवाई की है।
संजीवनी क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ प्रस्ताव पास क्यों नहीं कर रहे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी वालों को करप्शन के खिलाफ प्रस्ताव पास करना है तो संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले के आरोपी गजेन्द्र सिंह शेखावत के खिलाफ प्रस्ताव पास करना चाहिए। जिन्होंने हजारों लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों रुपए की रकम हड़प ली। अलग अलग कंपनियों के नाम से विदेशों में जमीनें खरीद ली। उनके खिलाफ प्रस्ताव पास करते हुए जांच की मांग करनी चाहिए थी। गहलोत ने कहा कि बीजेपी के राज में करप्शन कई गुना बढ जाता है। चाहे तो प्रदेश के किसी भी व्यापारी से पूछा जा सकता है। पहले इनकम टैक्स की एक फाइल के लिए 1 लाख रुपए देते थे। अब 10 लाख देने पड़ रहे हैं। गहलोत ने बीजेपी पर सीधा आरोप लगाया कि पिछले 30-40 साल में इन्होंने कितनी संमत्ति एकत्रित कर ली। इसका लेखा जोख जनता के सामने रखना चाहिए।
2000 का नोट चलाने और बंद करने के पीछे बड़ा खेला हुआ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहले जब पीएम नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी की थी। उस समय का हिसाब आज तक देश की जनता को नहीं दिया। लोकसभा में यह जानकारी दी गई कि जितना भी पैसा मार्केट में था। वह पूरा बैंकों में जमा हो गया था। बाद में इन्होंने 2000 रुपए का नोट जारी किया। यह नोट कितना चला, किसी को नहीं पता। गहलोत ने कहा कि 2000 रुपए के नोट को चलन में लाने और इसे बंद करने के पीछे भी बड़ा खेला हुआ है। जब इन्होंने पिछला हिसाब भी नहीं दिया तो बाद का हिसाब देने की उम्मीद करना बेमानी है। सीएम गहलोत ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की इतनी हिम्मत नहीं कि वे केन्द्र सरकार की मोनिटरिंग कर सके। जिस बैंक के डायरेक्टर अमित शाह हैं। उसमें नोटबंदी के समय 700 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था। उसकी जांच कौन करेगा।
गजेन्द्र सिंह को सीरियस लेने की जरूरत नहीं है
सीएम गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को सीरियस लेने की जरूरत नहीं है। संजीवनी घोटाले में एसओजी उन्हें अभियुक्त मान चुकी है। जब मामला कोर्ट में जाएगा तो फैसला भी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी प्रस्ताव पास करना चाहिए कि उन्होंने एक भ्रष्ट व्यक्ति को मंत्री बना रखा है। जिसने ढाई लाख से ज्यादा लोगों के करोड़ों रुपए ठगे हों, उन्हें मंत्री मंडल में रहने का कोई हक नहीं है। प्रधानमंत्री को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए।
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