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बीकानेर के जवान रामस्वरूप कस्वां जम्मू कश्मीर में शहीद, पाकिस्तानी फायरिंग में सिर में लगी गोलियां - मंगलवार को अनंतनाग में ड्यूटी पर थे कस्वां, जम्मू आर्मी अस्पताल में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस

बीकानेर के जवान रामस्वरूप कस्वां जम्मू कश्मीर में शहीद, पाकिस्तानी फायरिंग में सिर में लगी गोलियां

 

बीकानेर। देश की सीमा पर रक्षा करते हुए राजस्थान का एक और लाडला शहीद हो गया। बीकानेर जिले की नोखा तहसील के गांव पांचू निवासी रामस्वरूप कस्वां शहीद हुए हैं। शहीद रामस्वरूप कस्वां जम्मू कश्मीर में तैनात थे। अनंतनाग में उनकी ड्यूटी लगी है। मंगलवार देर रात को पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग के दौरान सेना के जवान रामस्वरूप के सिर में गोलियां लगी। गंभीर रूप से घायल हुए रामस्वरूप कस्वां तो साथी जवानों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने रामस्वरूप के निधन होने की जानकारी दी।

 

आर्मी अस्पताल में ली अंतिम सांस

 

बीकानेर जिला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक जवान रामस्वरूप कस्वां मंगलवार देर रात को सिर में गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए थे। घायल होने के बाद उन्हें आर्मी अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचने तक रामस्वरूप कस्वां की सांसे चल रही थी। डॉक्टरों ने इलाज भी शुरू कर दिया लेकिन सिर में गोलियां लगने से ब्रेन को काफी नुकसान पहुंचा। काफी मात्रा में खून भी बहा। ऐसे में डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी रामस्वरूप कस्वां को बचाया नहीं जा सका।

 

तीन महीने पहले ही लगी अनंतनाग में ड्यूटी

 

शहीद रामस्वरूप कस्वां कई महीनों से जम्मू कश्मीर में तैनात थे। उनकी ड्यूटी आर्मी तोफखाने में थी। अनंतनाग में उनकी ड्यूटी तीन महीने पहले जुलाई में ही लगी थी। मंगलवार को वे नाइट ड्यूटी पर थे। रात करीब 9 बजे अचानक पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई थी। अचानक हुई फायरिंग के दौरान गोलियां सीधे रामस्वरूप के सिर में लगी। साथी जवानों ने उन्हें तुरंत संभाला।

 

कल पांचू गांव पहुंचेगी पार्थिव देह

 

बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि शहीद रामस्वरूप की पार्थिव देह को बुधवार दोपहर को जम्मू से लाया गया। अब दिल्ली से बीकानेर लाया जा रहा है। कल गुरुवार सुबह 8 बजे कैप्टन चंद्र चौधरी स्मारक पर शहीद को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसी स्थान पर लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। दोपहर को राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।

 

डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

 

शहीद रामस्वरूप कस्वां का परिवार मूल रूप से बीकानेर जिले की नोखा तहसील के केड़ली गांव के रहने वाले थे लेकिन कुछ सालों पहले वे पांचू गांव शिफ्ट हो गए थे। रामस्वरूप के बड़े भाई सहीराम भी सेना में है। उनका एक और छोटा भाई और बड़ी बहन हैं। डेढ़ साल पहले ही रामस्वरूप की शादी कौशल्या के साथ हुई थी। रामस्वरूप कस्वां के शहीद होने के समाचार सुनकर गांव में सन्नाटा फैल गया। उधर शहीद के परिवार में मातम पसरा हुआ है।

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