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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावी दांव पेच जारी, आचार संहिता लगने से पहले बनाए 8 बोर्ड, अलग अलग जातियों को साधने की कोशिश - अब अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, 3-3 सरकारी और 5-5 गैर सरकारी सदस्यों की होंगी नियुक्तियां

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावी दांव पेच जारी, आचार संहिता लगने से पहले बनाए 8 बोर्ड, अलग अलग जातियों को साधने की कोशिश

 

 

जयपुर। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव जीतने का हर दांव खेल रहे हैं। वे हर दिन ऐसे फैसले ले रहे हैं जिससे आने वाले चुनावों में कांग्रेस को फायदा साफ नजर आ रहा है। अभी दो दिन पहले महिलाओं को रोडवेज में मंथली पास बनाने पर किराए में 90 फीसदी की छूट, मंत्रालयिक कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए निदेशालय के गठन और गिग वर्कर्स के खातों में 5-5 हजार रुपए डालने का ऐलान किया था। 19 नए जिलों के गठन के बाद सीएम गहलोत ने शुक्रवार 6 अक्टूबर को 3 नए जिलों के गठन का ऐलान किया था। अब अलग अलग जातियों के लोगों को साधने के लिए 8 बोर्डों के गठन को मंजूरी दी है।

 

जानिए कौन कौन से बोर्ड बनाए सीएम गहलोत ने

 

शुक्रवार देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 नए बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है। इसमें राजस्थान राज्य राजा बली कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मिकी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य पुजारी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण (मां पूरी बाई कीर) बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य धानका कल्याण बोर्ड और राजस्थान राज्य चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड शामिल हैं। इन बोर्डों के जरिए सीएम गहलोत ने अलग अलग समाज के लोगों को कांग्रेस के साथ जोड़ने का प्रयास किया है। इससे पहले भी राज्य सरकार ने करीब एक दर्जन बोर्डों का गठन करके अलग अलग समाजों को साधने का प्रयास किया था।

 

अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति शीघ्र

 

चूंकि अब दो तीन दिन बाद ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है। तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लग जाएगी। उसके बाद सीएम गहलोत कोई ऐसे फैसले नहीं कर पाएंगे जिससे किसी वर्ग विशेष को सीधा लाभ होने वाला हो। जिन बोर्डों का गठन किया गया है। आचार संहिता लगने से पहले इन बोर्डों में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सभी बोर्डों में एक एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन सदस्यों सहित 5-5 गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्तियां भी की जाएगी। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के शासन सचिव, आयुक्त, निदेशक, संयुक्त सचिव और उप निदेशक स्तर के अधिकारी भी सरकारी सदस्यों होंगे।

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