कांग्रेस सरकार के समय बिजली टेंडर में 600 करोड़ के घोटाले...! ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिया जांच कमेटी के गठन का आदेश - दोषी चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
जयपुर। आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक ने शनिवार 28 सितंबर को मीडिया से रूबरू होते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर 600 करोड़ रुपए के घोटाले किए जाने के आरोप लगाए । आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज पेश करते हुए पाठक ने कहा कि बिजली के टेंडर देने की प्रक्रिया में घोटाले किए गए हैं जिसके तमाम सबूत मौजूद हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट के इन आरोपों के अगले दिन भजनलाल सरकार हरकत में आई। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बिजली टेंडर घोटालों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया है। नागर ने कहा कि घोटाला करने वाला चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो, सरकार उसे नहीं बख्शेगी।
एसीबी तक पहुंची है घोटाले की शिकायतें
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश में 42 ग्रिड सब स्टेशन बनाने के लिए निविदा संख्या टीएन-545 और टीएन-546 के साथ आरडीएसएस योजना के टेंडर संख्या 534 और 535 के संबंध में एसीबी के जरिए शिकायतें प्राप्त हुई थी। इनकी जांच डिस्कॉम की ओर से की जा रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जयपुर डिस्कॉम के टेंडरों में हुए भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषी अधिकारियों और अन्य लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय के भ्रष्टाचार के अन्य प्रकरणों की जांच राज्य सरकार की ओर से निष्पक्षता से की जा रही है। निष्पक्ष जांच में जो भी अधिकारी और नेता दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा। नागर ने कहा कि इस कमेटी की ओर से दोष सिद्ध होने की रिपोर्ट प्राप्त होते ही टेंडरों को निरस्त करने की कार्यवाही के लिए भी निर्देशित किया गया है।
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