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राजस्थान कांग्रेस के ये 3 बड़े बवाल देशभर में सुर्खियों में रहे... - आलाकमान की चुप्पी पर कांग्रेसी नेता ही उठा रहे सवाल

राजस्थान कांग्रेस के ये 3 बड़े बवाल देशभर में सुर्खियों में रहे...



जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस और सरकार की राह बीते चार साल में आसान नहीं रही। बीते चार साल में वैसे तो कांग्रेस में आपसी कहल के कई मामले सामने आए लेकिन तीन बार ऐसे हालात बने जब कांग्रेस की आपसी कहल देशभर में सुर्खियां बनी। एक बार तो सरकार गिरने की नौबत आ गई थी। सरकार को बचाने के लिए विधायकों को 34 दिन तक होटलों में बंद रहना पड़ा। इतने बड़े बवाल होने के बावजूद कांग्रेस आलाकमान पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कोई एक्शन नहीं ले सका। बार बार कार्रवाई की बातें कही गई लेकिन हुआ कुछ नहीं। यही कारण है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी ही पार्टी के आलाकमान पर सवाल खड़े किए।

 

जुलाई 2020 में पायलट गुट ने की थी बगावत

 

जुलाई 2020 में सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायक राजस्थान छोड़कर मानेसर चले गए थे। उस दौरान हालात ऐसे बने की सरकार गरने की नौबत आ गई थी। पार्टी ने सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया। दो मंत्रियों को मंत्री पद से बर्खास्त किया और संगठन के पदों से पायलट समर्थक विधायकों को हटाया था। गहलोत सरकार को बचाने के लिए 34 दिन तक होटलों की शरण ली गई। बाद में जैसे तैसे सरकार बची। इतने बड़े बवाल के बाद भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे नेताओं पर पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लिया।

 

25 सितंबर 2022 को फिर हुआ बवाल

 

सितंबर 2022 में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे को ऑब्जर्वर बनाकर तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ जयपुर भेजा था। मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने का अधिकार कांग्रेस आलाकमान द्वारा लिए जाने का प्रस्ताव पास होना था। इसके लिए मुख्यमंत्री निवास पर 25 सितंबर की शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई थी लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ बगावत कर दी। सोनिया गांधी के निर्देश पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करते हुए गहलोत गुट के विधायकों ने शांति धारीवाल के बंगले पर सामानान्तर बैठक की और आधी रात को 82 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर जाकर इस्तीफे सौंप दिए। इस घटनाक्रम पर बड़ा बवाल हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली जाकर माफी मांगनी पड़ी। इतने बड़े घटनाक्रम के बावजूद अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी आलाकमान ने कोई एक्शन नहीं लिया।

 

सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ किया अनशन

 

11 अप्रेल 2023 को सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया था। पायलट के इस कदम को प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पार्टी विरोधी कदम बताया था। पायलट के खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही और कांग्रेस आलाकमान को शिकायत भी दी लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट पर कोई एक्शन नहीं लिया। अनशन को 20 दिन गुजर गए। सचिन पायलट खुद कह चुके हैं कि अगर उनका कदम पार्टी विरोधी था को उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है।

 

कई नेता आलाकमान पर उठा चुके सवाल

 

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान पर कई बार सवाल उठा चुके। वे कई बार कह चुके हैं कि 25 सितंबर आलाकमान के निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। 7 महीने बीतने के बावजूद भी अनुशासहीनता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर सचिन पायलट कई बार सवाल उठा चुके हैं। राज्यमंत्री राजेन्द्र गुढा भी कई बार आलाकमान पर सवाल उठाते हुए कह चुके हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधि करने वालों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा। विधायक रामनारायण मीणा, वेदप्रकाश सोलंकी, इंद्राज गुर्जर, भरत सिंह, दिव्या मदेरणा, खिलाड़ीलाल बैरवा सहित कई विधायक पार्टी आलाकमान पर सवाल उठा चुके हैं। इतनी किरकिरी होने के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है।

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