गहलोत कैबिनेट के दो मंत्रियों को सता रहा हार का डर, सुरक्षित सीट की तलाश में जुटे लालचंद कटारिया और डॉ. महेश जोशी - कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट आने से पहले ही संकट के बादल मंडराए, जानिए क्या है इसकी वजह
जयपुर। कांग्रेस प्रत्याशियों के नामों पर दिल्ली में मंथन जारी है। इसी बीच जयपुर शहर की दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्हें हार का डर सताने लगा है। सर्वे में इन दोनों नेताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। साथ ही एक सीट पर तो बीजेपी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री को चुनाव मैदान में उतार दिया है। ऐसे में ये दोनों कैबिनेट मंत्री सुरक्षित सीट की तलाश में जुट गए हैं। इनमें एक हैं कृषि मंत्री लालचंद कटारिया जो झोटवाड़ा से विधायक हैं और दूसरे हैं जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी जो हवामहल सीट से विधायक हैं।
लालचंद कटारिया की परेशानी ऐसे समझें
झोटवाड़ा राजस्थान की सबसे अधिक मतदाताओं वाली विधानसभा सीट है। यहां जाट, राजपूत और यादव मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है। इसी कारण दोनों पार्टियां जाट या राजपूत को ही टिकट देती आई है। वर्ष 2008 के चुनाव में लालचंद कटारिया भाजपा प्रत्याशी राजपाल सिंह शेखावत से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने लालचंद कटारिया के भाई रामगोपाल कटारिया की पत्नी रेखा कटारिया भी शेखावत के सामने चुनाव हार गई थी। वर्ष 2018 के चुनाव में कटारिया ने शेखावत को 10,747 मतों से हराकर बदला लिया। इस बार भाजपा ने लोकसभा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में लालचंद कटारिया स्वयं को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं। हां, अगर झोटवाड़ा से बीजेपी के दो नेता राजपाल सिंह शेखावत और आशु सिंह सुरपुरा बागी होते हैं तो कटारिया बच सकते हैं।
हवामहल से डॉ. महेश जोशी भी डर रहे
जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र की हवा महल सीट से जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी कांग्रेस के विधायक हैं। जोशी का कार्यकाल वैसे भी काफी विवादों में रहा। पहले उनके पुत्र पर लगे दुष्कर्म के आरोपों के कारण काफी जलालत झेलनी पड़ी और बाद में जल जीवन मिशन योजना में सामने आए करोड़ों रुपए के घोटालों ने जोशी की चिंता बढ़ा दी है। परकोटे क्षेत्र से हिन्दुओं के पलायन की खबरों से भी कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले दिनों मुंबई में चलती ट्रेन में आरपीएफ के जवान ने तीन यात्रियों पर फायरिंग करके उनकी हत्या कर दी थी। मृतकों में जयपुर के रहने वाले असगर अब्बास अली भी शामिल थे। अब्बास को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने डॉ. महेश जोशी का भारी विरोध किया था। मुस्लिम समाज के लोगों की नाराजगी डॉ. जोशी को भारी पड़ सकती है। लिहाजा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे नजदीकी माने जाने वाले जोशी सुरक्षित सीट की तलाश में जुटे हैं। देखते हैं पार्टी उन्हें हवामहल से ही चुनाव मैदान में उतारती है या किसी अन्य सुरक्षित सीट से मौका देती है।
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