अब धर्म के रास्ते पर चल पड़ी कांग्रेस - राजस्थान के सभी सरकारी मंदिरों पर 'ॐ' लिखी हुई पीली ध्वजा लहराई जाएगी
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के नेता हमेशा कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस हमेशा इससे बचने की नाकाम कोशिशें करती रही है लेकिन कभी कभार होने वाले दंगों, समुदाय विशेष द्वारा किए गए अपराध और हिन्दुओं पर होने मुस्लिम द्वारा हमला होने पर बीजेपी इन मामलों को पुरजोर तरीके से भुनाती है। पिछले दिनों जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया तो बीजेपी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए जानबूझकर कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस इन आरोपों से बचने के लिए अब धर्म रास्ते पर चल पड़ी है। स्वयं को ईश्वर के प्रति आस्तिक होना साबित करने के लिए कांग्रेस सरकार की ओर से अब सरकारी मंदिरों में पीले ध्वज लहराए जा रहे हैं। इसकी शुरुवात गुरुवार 25 मई को पुष्य नक्षत्र के मौके पर हो चुकी है।
सभी 593 सरकारी मंदिरों में लहराए जा रहे पीले ध्वज
राजस्थान सरकार में देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने पहली बार मंदिर में प्रेस कांफ्रेंस की। जयपुर के श्रीराम मंदिर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंत्री रावत ने कहा कि गहलोत सरकार 'सेवा परमो धर्म' के उद्देश्य पर काम कर रही है। सभी धर्म और जातियों का सर्वांगिण विकास ही सरकार का ध्येय है। रावत ने कहा कि प्रदेश में कुल 593 सरकारी मंदिर हैं। इन सभी मंदिरों पर पीली पताकाएं लगाई जा रही है। इन पताकाओं पर ॐ लिखा हुआ होगा। पीला रंग गुरु को समर्पित है और ॐ शक्ति का प्रतीक है। प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना के लिए देवस्थान विभाग के द्वारा यह पहल की गई है। पीली पताका लगाने की शुरुआत जयपुर के परकोटे में बड़ी चौपड़ स्थित कल्कि मंदिर से हुई।
कांग्रेस हमेशा ईश्वर को मानती है - शकुंतला रावत
गुरुवार 25 मई को सुबह 7 बजे केबिनेट मंत्री शकुंतला रावत ने जयपुर में बड़ी चौपड़ स्थित कल्कि मंदिर में ॐ लिखी हुई पीली ध्वजा लगाई। इस मौके पर कई मंदिरों के पुजारी, भक्त और कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे। मंत्री रावत ने कहा कि कांग्रेस हमेशा ईश्वर को मानती है। साथ ही सभी धर्मों के प्रति आस्था रखती है। सिर्फ हिन्दुत्व की बात करने वाली बीजेपी देश में नफरत की राजनीति करती है। केवल एक धर्म का नारा बुलंद करने साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचती है। मंत्री ने कहा कि मंदिरों में ॐ लिखी हुई पीली ध्वजाएं लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
रंग रोगन पर खर्च होंगे 593 लाख रुपए
प्रदेश में देवस्थान विभाग के अधीन कुल 593 मंदिर हैं। इन मंदिरों के नए रंग रोगन के लिए प्रति मंदिर एक-एक लाख दिए गए हैं। सभी मंदिरों के रंग रोगन पर कुल 593 लाख रुपए खर्च होंगे। पुजारियों के मानदेय भी 3 हजार से बढाकर 5 हजार रुपए किया गया है। मंत्री रावत ने कहा कि सरकार ने मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। जयपुर के गोविन्द देवजी मंदिर को उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
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