Dark Mode

बड़ा चुनावी मुद्दा बना जयपुर बम ब्लास्ट मामला - पीएम मोदी ने भी कर्नाटक में किया जिक्र, सीएम गहलोत ने ऐसे किया पलटवार

बड़ा चुनावी मुद्दा बना जयपुर बम ब्लास्ट मामला

 

 

जयपुर। 15 साल पहले जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का मामला इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बनेगा। पिछले दिनों राजस्थान हाईकोर्ट ने बम ब्लास्ट के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। बीजेपी इसे कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की नीति बताते हुए चुनावों में भुनाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर कमजोर पैरवी की जिसकी वजह से हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को बम ब्लास्ट के आरोपियों को बरी कर दिया था। सवा महीने बाद भी राज्य सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं की गई है।

 

जयपुर के सभी 250 वार्डों में होंगे हनुमान चालीसा का पाठ

 

13 मई 2023 को जयपुर बम ब्लास्ट की 15वीं बरसी है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से 13 मई को जयपुर के सभी 250 वार्डों के हनुमान मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि पूरे जयपुर में शहर में कांग्रेस का विरोध किया जाएगा क्योंकि कांग्रेस सरकार की कमजोर पैरवी के कारण जयपुर के गुनाहगार बरी हो गए। चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर बम ब्लास्ट के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। हनुमान चालीसा के साथ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान घी के दीये जलाए जाएंगे।

 

कर्नाटक चुनावों में भी गूंज चुका जयपुर बम ब्लास्ट का मामला

 

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए जयपुर बम ब्लास्ट के मामले का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा था कि कुछ सालों पहले जयपुर में बम ब्लास्ट हुआ जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मोदी ने आगे कहा कि वहां की कांग्रेस सरकार ने ऐसा काम किया कि सारे दोषी निर्दोष होकर जेल से छूट गए। पीएम मोदी के इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि जयपुर में बम ब्लास्ट बीजेपी राज में हुए थे और इस मामले की जांच भी बीजेपी ने ही करवाई थी। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने बम ब्लास्ट के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। कुछ तकनीकि कारणों से हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी कर लिया लेकिन सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेगी।

 

80 बेगुनाहों की हुई थी मौत

 

13 मई 2008 को मंगलवार के दिन जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र में दो हनुमान मंदिरों के मुख्य द्वार और आसपास 8 बम धमाके हुए थे। धमाके के दिन 73 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। इलाज के दौरान 8 घायलों ने भी दम तौड़ दिया था। धमाकों में 80 से ज्यादा बेगुनाहों की मौत हुई थी। उस दौरान प्रदेश में वसुंधरा राजे की सरकार थी। एटीएस की स्पेशल टीम ने मामले की जांच की और 13 लोगों को आरोपी बनाया। इन 13 आरोपियों में से दो गुनाहगार दिल्ली के बटला हाउस में हुए एनकाउंटर में मारे गए। 5 आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है जबकि 3 आरोपी दिल्ली और हैदराबाद की जेलों में बंद है। इस केस में 3 आरोपी अभी तक फरार हैं।

 

दिसंबर 2019 में हुई फांसी, मार्च 2023 में हुए बरी

 

गिरफ्तार किए गए आरोपियो के खिलाफ एटीएस ने 1270 गवाह कोर्ट में पेश किए थे। बचाव पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए। 20 दिसंबर 2019 को जयपुर महानगर कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ बचाव पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। लम्बी सुनावाई के बाद 29 मार्च 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट ने बम ब्लास्ट के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट का तर्क था कि एटीएस ने सही जांच नहीं की। जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को निर्देशित भी किया।

Comment / Reply From

You May Also Like

Vote / Poll

राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव 2023 में कौन जीतेगा

View Results
Congress
33%
BJP
67%
Rashtriya Loktantrik Party
0%
other
0%

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!