'राज्यसभा में कानून पास हुआ तो हमारी छुट्टी हो जाएगी, हम कुछ नहीं कर पाएंगे' - जानिए ऐसा क्यों कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पिछले 25 सालों से इस प्रयास में लगी हुई है कि महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 30 फीसदी आरक्षण मिले। कुछ सालों पहले यह बिल लोकसभा में पेश किया गया था। यह कानून लोकसभा में पास हो चुका लेकिन राज्यसभा में अटक गया है। गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिस दिन यह बिल राज्यसभा में पास होकर कानून बन गया तो उस दिन हमारी भी छुट्टी हो सकती है और हम कुछ नहीं कर पाएंगे। जयपुर के बिड़ला सभागार में सखी गुलाबी नगरी संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि 30 फीसदी आरक्षण मिलने पर सत्ता में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ जाएगी।
राजीव गांधी ने महिलाओं को सत्ता में भागीदारी का अधिकार दिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज से करीब 35 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को सत्ता में भागीदारी का अधिकार दिया था। 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन के तहत महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकायों में महिलाओं को आरक्षण दिया। उन दिनों पाकिस्तान के एक अर्थशास्त्री ने लिखा था कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री ने बहुत बड़ी समझदारी का काम किया है। देश की महिलाओं को सत्ता में भागीदारी का अधिकार दिया है। सीएम गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी की इसी का नतीजा है कि आज महिलाएं सरपंच, प्रधान, प्रमुख और महापौर बन पा रही है। कुछ सालों पहले तक महिलाएं सरपंच, प्रधान और प्रमुख बनने के बाद भी घूंघट में रहती थी और काम में संकोच करती थी। उन दिनों उनके पति सरपंच पति, प्रधान पति और प्रमुख पति की हैसियत से काम करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। महिलाएं खुद समझदार हो गई हैं। अब वे अपने पति को कहती है कि आप घर जाइये, ये काम वे खुद संभाल लेंगी।
मुफ्त इंटरनेट सुविधा के साथ 40 लाख महिलाओं को जल्द मिलेंगे स्मार्ट फोन
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश की 40 लाख महिलाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन देने जा रही है। इन स्मार्ट फोन में तीन साल तक इंटरनेट फ्री रहेगा। सीएम गहलोत ने कहा कि हालांकि उन्होंने पिछले बजट में स्मार्ट फोन देने की घोषणा की थी लेकिन कोरोना के कारण इतनी संख्या में चिप उपलब्ध नहीं हो सकी। स्मार्ट फोन तो अब तक मिल जाने चाहिए थे लेकिन चिप उपलब्ध नहीं होने के कारण नहीं मिल पाए। गहलोत ने कहा कि मोबाइल फोन में सिम के अलावा एक चिप होती है जो कनेक्शन करती है। कोरोना के दौरान दुनियाभर में उस चिप की भारी कमी आ गई थी। इसी कारण स्मार्ट फोन वितरित नहीं हो सके। कुल 135 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने हैं लेकिन पहले 40 लाख महिलाओं को ही स्मार्ट फोन दे पाएंगे। इसके लिए अलग अलग कैटेगरी बनाकर प्राथमिकता तय की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को स्मार्टफोन मिलना महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा। इसी दिशा में महिलाओं को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से जयपुर में महिला अरबन कॉ-ऑपरेटिव बैंक खोले जाने की शुरुआत की गई है।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
सीएम गहलोत ने कहा महिलाओं को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। राजस्थान सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लांच की है। मुफ्त स्मार्ट फोन देने के साथ रोडवेज की बसों में किराया आधा कर दिया गया है। आधार कार्ड के जरिए हर घर में महिलाओं को परिवार की मुखिया बनाया गया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन न्यूनतम 1000 रुपए कर दी गई है ताकि बुजुर्ग माता-पिता और दादा-दादी को मान सम्मान बना रहे। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग मां को अब अपनी बेटी या नाती पोते को रुपए देने के लिए बहू के आगे हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा। पोते पोतियां भी अपने दादा दादी अच्छी सेवा करेंगे क्योंकि दादा-दादी के पास रुपए होंगे तो वे बच्चों को इनाम के रूप में पैसे भी देंगे।
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