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राजस्थान में सत्ता पाने के लिए भाजपा ने बनाई विशेष रणनीति - इन 7 अभियान के जरिए कांग्रेस को शिकस्त देने की कोशिश करेगी भाजपा

राजस्थान में सत्ता पाने के लिए भाजपा ने बनाई विशेष रणनीति

 

 

जयपुर। एक तरफ कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकारी योजना का प्रचार प्रसार करते हुए लगातार दौरे कर रहे हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए विशेष रणनीति बनाई है। भाजपा ने 8 ऐसे प्लान तैयार किए हैं जिसके जरिए कांग्रेस को घेरने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी ने हर वर्ग के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अलग अलग प्लान बनाए हैं। आइये इन प्लान के बारे में विस्तार से जानते हैं....

 

 

1. सामाजिक संगठनों से जुड़ने का प्रयास - बीजेपी प्रदेश के सभी सामाजिक संगठनों से जुड़ने की कोशिश कर रही है। कई जिलों और विधानसभाओं में ऐसे संगठन बने हुए हैं जो स्थानीय स्तर पर काफी प्रभावशाली है लेकिन उन संगठनों की कोई राजनैतिक एप्रोच नहीं है। ऐसे संगठनों के प्रतिनिधियों की सूची तैयार की गई है। इस संगठनों के मार्फत अब बीजेपी सुदूर इलाकों तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास कर रही है।

 

 

2. महिला लाभार्थियों के जरिए घर घर तक पहुंचने का प्लान - भाजपा महिला मतदाताओं पर विशेष फोकस कर रही है। खासतौर पर केन्द्र सरकार की योजना से लाभान्वित होने वाली महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है। उन लाभार्थी महिलाओं से सीधा संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। इन लाभार्थी महिलाओं के जरिए अन्य महिलाओं तक पहुंच कर उन्हें भाजपा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

 

 

3. नए मतदाताओं पर नजर - पिछली बार लोकसभा चुनावों के तहत बीजेपी ने एक मुहीम चलाई थी। 'पहला वोट मोदी को' नाम से अभियान चलाया गया। इस बार फिर से नए मतदाताओं पर बीजेपी की नजर है। नए मतदाताओं से बार बार संपर्क किया जा रहा है। हर बूथ स्तर पर नए मतदाताओं के लिए सम्मेलन आयोजित कराने की तैयारी की जा रही है जिसके जरिए उन्हें भाजपा से जोड़ा जा सके।

 

 

4. एक्टिव नेताओं को विशेष जिम्मा - पार्टी के लिए पर्याप्त समय देने वाले नेताओं की सूची तैयार की जा रही है। इन नेताओं को प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर तक भेजकर पार्टी का विस्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ऐसे नेताओं का चयन करने के बाद उन्हें पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव तक उसी क्षेत्र में रहना होगा। साथ ही क्षेत्र की हर गतिविधि से पार्टी के उच्च पदाधिकारियों को सूचित करना होगा।

 

 

5. लाभार्थी संपर्क अभियान - पूर्व की भांति इस बार भी बीजेपी लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन करेगी। ये सम्मेलन हर विधानसभा में करने की तैयारी की जा रही है। लाभार्थी महिला और पुरुषों के पार्टी के केन्द्रीय स्तर के नेता सीधा संपर्क करेंगे। साथ ही स्थानीय विधायक, सांसद और पार्टी के अन्य पदाधिकारी लाभार्थियों के जरिए क्षेत्र के सभी लोगों से जुड़ने की कोशिश करेंगे।

 

 

6. प्रभावी लोगों से सीधा जुड़ाव - बीजेपी ने एक विशेष रणनीती बनाई है। इसके जरिए हर ग्राम पंचायत स्तर तक ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है जो स्थानीय लेवल पर प्रभावशाली हो। यानी जो लोग 100-200 लोगों के बीच अपनी बोलचाल से अपना प्रभाव रखते हैं। उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। ऐसे लोगों को पार्टी से जोड़कर केन्द्र सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

 

 

7. प्रबुद्ध जन मतदाताओं से संपर्क - इस बार बीजेपी ने हर वर्ग के लोगों से जुड़ने के लिए अलग अलग टास्क चुने हैं। डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, शिक्षक, एडवोकेट और चार्टेड अकाउंटेंट जैसे प्रोफेशनल को पार्टी से जोड़ने के लिए अलग अलग सम्मेलन आयोजित करने की तैयारियां की जा रही है। पार्टी की ओर प्रबुद्ध जन प्रकोष्ठ का गठन किया हुआ है। इस प्रकोष्ठ के जरिए हर प्रोफेशन से जुड़े लोगों से संपर्क किया जाएगा। 

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