कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा अब नहीं रहीं RPSC की सदस्य, राज्यपाल ने स्वीकार किया इस्तीफा - जानिए क्यों छोड़ा था इतना बड़ा पद, SI भर्ती 2021 केस में हाईकोर्ट ने की थी टिप्पणी

जयपुर। देश के प्रख्यात कवि और कथावाचक कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा ने पिछले दिनों आरपीएससी के सदस्य पद से इस्तीफा दिया था। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब मंजू शर्मा आरपीएससी की सदस्य नहीं रही। मंजू शर्मा को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल छह वर्ष तक का था लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मंजू शर्मा का इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब आरपीएससी के सदस्यों के छह पद खाली हो गए हैं। यानी कुल सदस्यों के 10 पदों में से अब केवल चार पद ही भरे हुए हैं जबकि 6 पद खाली हैं।
गहलोत ने बनाया था आरपीएससी का सदस्य
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश पर कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा को आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किया गया था। अक्टूबर 2020 में उनकी नियुक्ति हुई थी। मंजू शर्मा का कार्यकाल अक्टूबर 2026 तक था लेकिन कार्यकाल पूरा होने के 13 महीने पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
जानिए क्यों छोड़ा इतना बड़ा पद
आरपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य के पद बहुत अहम होते हैं। राज्य सेवा के अधिकारियों की भर्ती करने वाली सबसे बड़ी संस्था आरपीएससी ही है। आपको याद होगा कि विभिन्न पदों की भर्तियों में पेपर लीक की शिकायतें सामने आती रही है। हाल ही में सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया था। उस समय जस्टिस समीर जैन ने आरपीएससी के पूर्व अध्यक्षों सहित 6 सदस्यों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए थे। उन्हें कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा का भी नाम शामिल था। हाईकोर्ट ने कहा कि जिनके पास ईमानदार और योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने का जिम्मा था, वे भी पेपर लीक में शामिल थे। हाईकोर्ट की इसी टिप्पणी के बाद डॉ. मंजू शर्मा ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।
विवाद से मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा प्रभावित हुई - डॉ. मंजू शर्मा
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को भेजे अपने इस्तीफे में मंजू शर्मा ने लिखा था कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया लेकिन एसआई भर्ती प्रक्रिया में हुए विवाद के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। मंजू शर्मा ने यह भी लिखा कि उन्होंने अत्यन्त पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करते हुए व्यक्तिगत और आरपीएससी के सदस्य के रूप में जीवन व्यतीत किया है। उनके खिलाफ किसी भी पुलिस थाने में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। किसी भी मामले में उन्हें आरोपी भी नहीं माना गया है लेकिन पेपर लीक मामले में उनके कार्य पर भी सवाल उठाए गए जिससे वे व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि वे सार्वजनिक जीवन में पवित्रता की सदैव पक्षधर होने के कारण आयोग की गरिमा, निष्पक्षता और पारदर्शिता को सर्वोपरि मानते हुए मैं स्वेच्छा से RPSC के सदस्य पद से अपना इस्तीफा दे रही हैं।
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