अशोक गहलोत का राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी कौन है...? - वसुंधरा राजे, गजेन्द्र सिंह शेखावत, राजेन्द्र राठौड़ या कोई और... पढें गहलोत का जवाब
जयपुर। राजनैतिक दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं पर आरोप लगाकर स्वयं को श्रेष्ट बताने की परम्परा पुरानी है। आरोपो और बयानों से नेता मीडिया की सुर्खियां बनकर चर्चा में आते हैं और इसी तरह पार्टी में उनका कद बढता है। सत्ता पक्ष का शीर्ष नेता हमेशा विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर होता है। राजस्थान में सत्ता पक्ष के नेता अशोक गहलोत को घेरने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई नेता प्रयासरत हैं। अब सवाल यह है कि सीएम गहलोत अपना प्रतिद्वंद्वी किसे मानते हैं।
जानिए गहलोत ने किसे बताया अपना राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में एक नेशनल टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उनसे पूछा गया कि आप अपना राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी किसे मानते हैं। इसका जवाब देने से पहले गहलोत ने कुछ देर सोचा। फिर बोले कि 'मेरे सामने तो कोई दिख ही नहीं रहा है। सामने वाली पार्टी के नेताओं में आपस में कंपिटिशन होता है कि कौन अशोक गहलोत की ज्यादा आलोचना करेगा ताकि पार्टी हाईकमान खुश हो सके। कौन किन शब्दों में मेरे खिलाफ अटैक करे, इसी बात का कंपीटिशन हो रहा है' सीएम गहलोत ने बीजेपी में 5-6 नेता अपने आप को मुख्यमंत्री प्रजेंट करते हुए घूम रहे हैं जबकि कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और सरकार रिपीट करेगी।
अमित शाह ने भरी मीटिंग में डांट दिया था बीजेपी पदाधिकारियों को - गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। पिछले साढे चार साल में विपक्षी दल भाजपा एक भी आन्दोलन खड़ा नहीं कर पाई। गहलोत के मुताबिक पिछली बार जब बीजेपी के नेता अमित शाह ने जयपुर में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली तब उन्होंने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों को डांट पिलाई थी। उन्होंने कहा कि ऐसा सुनने में आया कि अमित शाह ने यह कहते हुए डांटा कि आप लोग अशोक गहलोत के खिलाफ एक भी आंदोलन खड़ा नहीं कर पाए। सिर्फ विधानसभा में खड़े होकर फोरमल्टी (औपचारिता) पूरी करते हैं। इसके अलावा बीजेपी कुछ नहीं कर पाई है। गहलोत का कहना है कि इस बार उन्होने पांच बजट पेश किए। बजट शानदार रहे, एक भी टैक्स नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि बजट की आलोचना करने के लिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं को शब्द ही नहीं सूझ रहे थे।
जन आक्रोश यात्राओं में भीड़ ही नहीं उमड़ी
गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता ने सरकार के कामकाज को सराहा है। बीजेपी ने पिछले दिनों प्रदेश में जन आक्रोश यात्राएं निकाली थी। उन यात्राओं में भीड़ ही नहीं जुटी। स्थितियां ये बन गई थी कि कई नेता पुलिस वालों को इशारा करते थे कि हम पर कुछ पानी की बोछारें डाल दो ताकि हम अपना आन्दोलन खत्म करें। गहलोत के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने उन्हें ये बातें बताते रहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई तथ्य ही नहीं है। सिर्फ बेबुनियाद आरोप लगाकर खबरों में बने रहना चाहते हैं।
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