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CM रहते गहलोत ने खोला था गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मोर्चा, अब क्लीन चिट मिली तो निकाली भड़ास - गहलोत बोले - सरकार के दबाव में गलत रिपोर्ट तैयार की SOG ने, रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित SIT से हो जांच

CM रहते गहलोत ने खोला था गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मोर्चा, अब क्लीन चिट मिली तो निकाली भड़ास

 

जयपुर। संजीवनी क्रेडिट सोसायटी में निवेश के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के गबन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले करीब एक साल तक सीएम गहलोत लगातार पीड़ित लोगों से मिलते रहे और फिर केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते थे। हाल ही में एसओजी की रिपोर्ट पर राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट दे दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने पूर्व सीएम अशोक सियासी निशाना साधा था। सिंह ने कहा था कि गहलोत अपने विरोधियों की राजनैतिक हत्या करते रहे हैं लेकिन वे खुद बच गए। केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी अपनी भड़ास निकाली है।

 

सत्ता परिवर्तन के बाद SOG ने लिया यू-टर्न - अशोक गहलोत

 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार शाम को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके अपनी भड़ास निकाली। भाजपा सरकार के साथ उन्होंने एसओजी पर भी निशाना साधा। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने हाईकोर्ट में यू टर्न ले लिया। संजीवनी प्रकरण के जांच अधिकारी को भी हटा दिया गया था जिसके बाद सरकारी वकीलों ने केंद्रीय मंत्री का पक्ष लिया। गहलोत ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि हालांकि गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका के अनुरूप हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द नहीं किया है। ट्रायल कोर्ट की इजाजत से इस मामले में आगे कार्रवाई की जा सकती है।

 

SOG की रिपोर्ट के आधार पर ही लगाए गए थे आरोप

 

पूर्व सीएम गहलोत का कहना है कि संजीवनी प्रकरण में उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम इसलिए लिया था क्योंकि इस प्रकरण के तत्कालीन जांच अधिकारी ने 12 अप्रैल 2023 सरकारी वकील को लिखे गए पत्र में इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट के पेज नंबर 7 पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी थी। उस रिपोर्ट में लिखा गया था कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है, उनसे गजेंद्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है।

 

सरकार के दबाव में एसओजी ने लिया यू टर्न

 

अशोक गहलोत ने अपनी भड़ास निकालते हुए यह भी लिखा कि राज्य में सरकार बदलने के बाद SOG पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया गया जिसके कारण SOG ने कोर्ट में यू-टर्न लिया। एसओजी के यू टर्न लेने के बाद उसने अपनी जांच रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को आरोपी नहीं माना। गहलोत का कहना है कि व्यक्तिगत रूप से गजेंद्र सिंह शेखावत से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। उनकी दिवंगत माताजी के प्रति भी पूरा सम्मान है।

 

रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में हो जांच

 

पूर्व सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि संजीवनी प्रकरण में जो रिपोर्ट एसओजी ने पेश की है। वह सरकार के दबाव में आकर एसओजी की ओर से गलत रिपोर्ट तैयार की गई है। गहलोत ने मांग की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर की जानी चाहिए क्योंकि कांग्रेस सरकार के समय इस केस में SOG ने फॉरेंसिक ऑडिट तक करवाकर भी जांच की थी। अब एसओजी की रिपोर्ट कैसे बदल गई। इस मामले की जांच होना जरूरी है।

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