पेपर लीक माफिया की गर्ल फ्रेंड बनी PTI...! - जानिए कौन है यह लड़की प्रियंका बिश्नोई जिसका सलेक्शन बोर्ड ने किया निरस्त
जयपुर। सरकारी नौकरी का इंतजार सबको होता है लेकिन सोचिए जब सरकारी नौकरी के लिए आपका नाम अंतिम सूची में हो और सूची जारी होने ऐनवक्त पहले हटा दिया जाए तो...। ऐसा ही हुआ है जालोर जिले की एक लड़की के साथ इस लड़की का नाम है प्रियंका विश्नोई प्रियंका का चयन अंतिम रूप से हो गया था लेकिन चयनित सूची को ध्यान से देखने के बाद राजस्थान राज्य कर्मचारी बोर्ड को प्रियंका विश्नोई के नाम पर संदेह हुआ। जब इस लड़की का पुलिस सत्यापन करवाया तो बोर्ड के अधिकारी हैरान रह गए। बाद में आनन फानन में इस लड़की का नाम चयनित पीटीआई की सूची से हटा कर सूची जारी की।
पेपर लीक माफिया की प्रेमिका है प्रियंका विश्नोई
पीटीआई भर्ती से बाहर की गई लड़की प्रियंका बिश्नोई पेपर लीक माफिया भूपेन्द्र सारण की गर्ल फ्रेंड है। पुलिस ने इस लड़की को दिसंबर 2022 में जयपुर के मानसरोवर स्थित एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था। पेपर लीक माफिया भूपेन्द्र सारण ने इस लड़की को मानसरोवर में फ्लैट किराए पर दिला रखा था। पेपर लीक के मामले का खुलासा होने के बाद जब पुलिस ने इस लड़की के फ्लैट पर दबिश दी तो यहां कई विश्वविद्यालयों के फर्जी दस्तावेज मिले थे। भूपेन्द्र सारण के साथ प्रियका बिश्नोई भी फर्जी डिग्रियां बेचने वाले गिरोह के लिए काम करती थी।
पीटीआई भर्ती का अंतिम परिणाम जारी करने से पहले बोर्ड ने पकड़ा
राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने पीटीआई भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करने में बड़ी सावधानी दिखाई है। तभी तो यह लड़की पकड़ में आई। अगर सिर्फ प्राप्तांकों के आधार पर मैरिट लिस्ट जारी करके चयन कर दिया जाता तो पेपर लीक माफिया की गर्ल सिंह प्रियंका बिश्नोई का पीटीआई में सलेक्शन हो जाता। बोर्ड के अधिकारियों की सूझबूझ के कारण समय रहते प्रियंका बिश्नोई की हकीकत सामने आ गई। बोर्ड के चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा का कहना है कि प्रियंका विश्नोई का चयन निरस्त कर दिया है। अब इसे आगामी भर्तियों से अयोग्य घोषित (डिबार) किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों की थी लापरवाही
पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार होकर नौकरी से बर्खास्त हो चुके अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा का प्रमोशन करते हुए उसे वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल बना दिया था। इस लापरवाही की वजह से सरकार की किरकिरी हुई। सरकार ने शिक्षा निदेशालय बीकानेर के निदेशक गौरव अग्रवाल को एपीओ करते हुए तीन अफसरों को सस्पेंड किया था।
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