सरकार रिपीट करने के लिए CM गहलोत ने खेला यह दांव - कर्नाटक में कारगर रहने के बाद राजस्थान में अपनाया फार्मूला
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब पॉवर गेम खेला है। सीएम गहलोत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के फार्मूले को अपनात हुए प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव है और मुफ्त बिजली के जरिए कांग्रेस सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी। 31 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर वर्ग को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान करने के साथ 200 यूनिट तक उपभोग करने वालों का स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य सभी शुल्क माफ कर दिए। चुनावी साल के लिहाज से यह ऐलान कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
केजरीवाल की राह पर चले गहलोत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सबसे पहले मुफ्त बिजली का दांव खेला था। दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पहले 50 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था। केजरीवाल के इस फसले का दिल्ली की जनता ने स्वागत किया। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर अगस्त 2019 में अरविन्द केजरीवाल ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली का ऐलान किया। केजरीवाल का यह दांव बड़ा निर्णायक साबित हुआ। इस फैसले के बाद अगले ही साल फरवरी 2020 में हुए दिल्ली के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली। बड़े बड़े तोहफे देकर अरविन्द केजरीवाल तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। दिसंबर 2013 में कांग्रेस के सहयोग के केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने 49 दिन तक सीएम रहने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। फरवरी 2015 में हुए चुनावों में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सत्ता पर कब्जा किया था। बाद में वर्ष 2020 के चुनावों में भी केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 62 सीट जीतते हुए दिल्ली में सरकार बनाई। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केजरीवाल की राह पर चलते हुए मुफ्त बिजली का तोहफा दिया है।
कर्नाटक में कांग्रेस ने अपनाया यह फार्मूला
अरविन्द केजरीवाल के इस फार्मूले को कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनावों में आजमा चुकी है। हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान घोषणा पत्र में किया था। इसका पूरा फायदा कांग्रेस को मिला। कर्नाटत में कांग्रेस को जीत मिली और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बन गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट की बैठक में कार्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इस फैसले को लागू भी कर दिया। यह फार्मूला अब राजस्थान में अपनाया जा रहा है ताकि काग्रेस की सरकार रिपीट हो सके।
मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान को दिया यह तोहफा
31 मई की देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत देते हुए सभी वर्गों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया। फरवरी 2022 में मुख्यमंत्री 50 यूनिट बिजली की का ऐलान किया था। हाल ही मे (फरवरी 2023) पेश किए गए सीएम गहलोत ने 50 से बढ़ाकर 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया था। अब सभी वर्गों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के साथ 200 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाला को स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज और अन्य सभी तरह के शुल्क भी माफ कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के इस फैसले से प्रदेश के एक करोड़ से अधिक परिवारों को मुफ्त बिजली का सौधा फायदा मिलेगा। सीएम गहलौत का यह फैसला प्रदेश में कांग्रेस सरकार की रिपीट करने में कारगर साबित हो सकता है।
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